Class 8 Hindi Chapter 3 Question Answer दीवानों की हस्ती
1. कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?
उत्तर – कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ इस प्रकार कहा है क्योंकि वह यह बताना चाहते हैं कि जब वह किसी के पास आते हैं, तो खुशी और उत्साह कां माहौल बन जाता है (उल्लास), लेकिन जब वह जाते हैं, तो उस खुशी का समापन होता है और लोग दुखी होकर आँसू बहाते हैं। यह शब्दों के माध्यम से कवि ने अपने रिश्तों के प्रभाव को खूबसूरती से व्यक्त किया है।
2. भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?
उत्तर – कवि यह कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है क्योंकि उसे लगता है कि उसने अपनी पूरी कोशिश के बावजूद कुछ प्राप्त नहीं किया। भिखमंगों की दुनिया में प्यार लुटाने के बावजूद, वह अपने प्रयासों में असफलता महसूस करता है। वह निराश है, क्योंकि वह जो कुछ भी चाहता था, वह उसे नहीं मिल पाया। यह असफलता उसे भारी बोझ की तरह महसूस हो रही है, जिससे वह खुद को दुखी और निराश पाता है।
3. कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?
उत्तर – कविता में मुझे सबसे अच्छी बात यह लगी कि कवि सच्चे प्रेम को बिना किसी उम्मीद के लुटाने की बात करते हैं। वह दिखाते हैं कि प्यार निस्वार्थ और ईमानदार होना चाहिए, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों। यह हमें सिखाता है कि असली खुशी देने में होती है, लेने में नहीं।
कविता से आगे.
•जीवन में मस्ती होनी चाहिए, लेकिन कब मस्ती हानिकारक हो सकती है? सहपाठियों के बीच चर्चा कीजिए।
उत्तर – जीवन में मस्ती जरूरी है क्योंकि यह तनाव को कम करती है और खुशी देती है। लेकिन जब मस्ती हानिकारक हो सकती है, जब वह किसी के काम में रुकावट डाले, दूसरों को दुख पहुँचाए या अनियमित हो जाए। मस्ती में अगर जिम्मेदारियों को न छोड़ा जाए, पढ़ाई या सेहत की अनदेखी की जाए, तो वह नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए मस्ती का सही समय और तरीका होना चाहिए।
Class 8 Hindi Chapter 3 Question Answer दीवानों की हस्ती
अनुमान और कल्पना
•एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि “हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।” दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्त्व दिया है कि “मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।” यह फाकामस्ती का उदाहरण है।
अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं?
उत्तर – कविता में परस्पर विरोधी. बातें इसलिए की गई हैं क्योंकि कवि जीवन के दोनों पहलुओं को दिखाना चाहते हैं। एक ओर वह कहते हैं कि जीवन अस्थिर है और हम सिर्फ घूमते रहते हैं (“हम दीवानों की क्या हस्ती”)। दूसरी ओर, वह बताते हैं कि जीवन में मस्ती और खुशियाँ जरूरी हैं, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों (“मस्ती का आलम साथ चला”)। यह कवि के जीवन के प्रति दो दृष्टिकोणों को दिखाता है।
भाषा की बात”
•संतुष्टि के लिए कवि ने ‘छककर‘” ‘जी भरकर’ और ‘खुलकर’ जैसे शब्दों का प्रयोग किया है। इसी भाव को व्यक्त करनेवाले कुछ और शब्द सोचकर लिखिए, जैसे-हँसकर, गाकर।
उत्तर – कुछ और शब्द जो संतुष्टिं या खुशी के भाव को व्यक्त करते हैं, वे हैं: झूमकर, नाचकर’ खेलकर’ मुस्कुराकर’ चहककर, दौड़कर
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